MP Assembly Bypoll: ग्वालियर-चंबल संभाग में सब कुछ झोंकने को तैयार बीजेपी

Bhopal: BJP leader Jyotiraditya Scindia being felicitated by party leader Shivraj Singh Chauhan, at party office in Bhopal, Thursday, March 12, 2020. (PTI Photo)(PTI12-03-2020_000214B)
Updated: 10 Sep 2020,
ग्वालियर।
बीजेपी पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही पार्टी अपने सारे हथियार आजमाने की तैयारी में है और इसकी शुरुआत ग्वालियर-चंबल संभाग से हो रही है। प्रदेश में जिन 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 16 इसी क्षेत्र की हैं। इसलिए, बीजेपी का इस क्षेत्र पर खास जोर देना आश्चर्यजनक नहीं है, लेकिन यह जरूर चौंकाने वाला है कि पार्टी अपने तरकश के सारे तीर एक साथ और इतनी जल्दी क्यों निकाल रही है।
गुरुवार से दो दिन के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी नेताओं का फिर से जमावड़ा हो रहा है। एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित प्रदेश शासन के कई मंत्री और वरिष्ठ पार्टी नेता ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना और शिवपुरी जिले के विभिन्न इलाकों में जुटेंगे और कई विकास परियोजनाओं का भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे.
15 दिन पहले ही ग्वालियर में बीजेपी का महा सदस्यता अभियान कार्यक्रम आयोजित हुआ था जिसमें सभी दिग्गज जुटे थे। अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। इस कार्यक्रम के जरिए बीजेपी ने इलाके में अपने संगठन की ताकत दिखाई तो सिंधिया को पहली बार बीजेपी के एक कद्दावर चेहरे के रूप में पेश किया। इससे पहले सिंधिया की पहचान एक कांग्रेस नेता की थी और बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद वे इसी कार्यक्रम के लिए पहली बार अपने गृहनगर ग्वालियर आए थे।
ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी के दिग्गजों का दो दिनों का यह जमावड़ा पार्टी की रणनीति का अगला पड़ाव है। सिंधिया को अपने चेहरे और अपनी सांगठनिक ताकत दिखाने के बाद पार्टी अब इस इलाके के लोगों को विकास परियोजनाओं की सौगात देकर प्रदेश सरकार की मंशा बताना चाहती है। उपचुनावों से पहले पार्टी नई विकास परियोजनाओं की शुरुआत कर पार्टी यह जताना चाहती है कि ग्वालियर-चंबल संभाग उसके लिए कितना महत्वपूर्ण है।
विधानसभा में सीटों का मौजूदा गणित ऐसा है कि शिवराज सरकार को सत्ता में बने रहने के लिए 27 में से कम से कम 9 सीटें जीतनी ही होंगी। पिछले विधानसभा चुनावों में ग्वालियर-चंबल इलाके की 34 में से 29 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। सिंधिया की पार्टी से विदाई के बाद कांग्रेस इस इलाके में पहले से काफी कमजोर हो चुकी है, लेकिन बीजेपी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। इसलिए वह एक के बाद एक कार्यक्रम कर इस संभाग में कांग्रेस की वापसी के लिए कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहती।