मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में भी Joshimath जैसे संकेत! बाढ़ की वजह से धंसने लगी जमीन

प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुख्य समाचार

Updated at: 15 Jan 2023

Narmadapuram Sinking: पहाड़ धंसने और मकानों में आई दरारों से पूरे देश और दुनिया में चर्चा में आए जोशीमठ जैसे ही संकेत मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में भी मिल रहे हैं. यहां नर्मदा में आने वाली बाढ़ के थपेड़ों से नर्मदा के घाट दो-दो फीट धंस गए हैं, तो वहीं नर्मदा किनारे बसे भवनों में भी हल्की-हल्की दरारें देखी जा रही है. समय रहते यहां प्रशासन को सजगता बरतने की जरुरत है.

बता दें कि नर्मदापुरम में स्थित नर्मदा नदी घाट विवेकानंद घाट, मंगलवारा घाट और नागेश्वर मंदिर सहित अन्य घाटों में नर्मदा में आने वाली बाढ़ की वजह से दरारें पड़ने लगी है. साथ ही जगह-जगह पिंचिंग और मिट्टी धंस रही है. विवेकानंद घाट के पास बनी नर्मदा कॉलोनी में भी कई मकानों में दरार देखी जा रही है. यह रहवासियों से बाढ़ के पानी से बचने के लिए अपने मकानों में कई तरह के जतन करवा रखे हैं. बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिल रही है. बाढ़ के पानी से बचाव के लिए रिर्टनिंग वॉल बनवा रखी है, बावजूद कई घरों में बारिश के दौरान कमरों में पानी के फव्वारे फूट कर निकलते हैं.

हर साल झुक रहे मकान
विवेकानंद घाट के दूसरे छोर पर स्थिति यह है कि यहां हर साल मकान थोड़े-थोड़े झुक रहे हैं. घरों में फर्श धंसते जा रहे हैं. यहां के रहवासियों की मानें तो वे हर साल बारिश के पानी से बचाव के लिए लाखों रुपये खर्च कर इंतजाम करते हैं. इसके बावजूद उनके यह इंतजाम बेअसर ही साबित हो रहे हैं. नर्मदा नदी के किनारे रहने वाली रामदेवी रैकवार ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि मिट्टी धंस गई है, किले में भी दरार आ गई. बाढ़ के थपेड़ों से दीवार भी गिर गई, अब बारिश से नदी उफनाएगी तो बस्ती में पानी भरेगा, अब तक प्रशासन के किसी भी अफसर ने यहां आकर देखा नहीं है. जोशीमठ में आई दरारों से नर्मदा नदी के आसपास रहने वाले रहवासियों में दहशत साफ  तौर से देखी जा रही है.

अध्ययन करना जरूरी
इस मामले में जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री एमपी मिश्रा का कहना है कि नर्मदापुरम में सेठानी घाट को नदी की धार बैक करती है. नर्मदा नदी की धार सीधी नहीं जाती कभी दांई तरफ तो कभी बाई तरफ चलती है. वहीं जब बरगी, बारना और तवा बांध से पानी छोड़ा जाता है, तब नदी की यह चाल कितना हाइड्रो डायनामिक असर डालती है, यह भूगर्भशास्त्री और नदी विशेषज्ञों से अध्ययन करा कर समझना जरूरी है.

आड़ी-टेड़ी नर्मदा की धार
नर्मदा नदी के आसपास प्रशासन ने स्थिति को जानने के लिए विशेषज्ञों द्वारा सर्वे कराया था. दो महीने पहले आई सर्वे की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि नर्मदा नदी की धार सीधी नहीं है. पानी कभी दांईं तो कभी बांईं तरफ टकराता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार को जल्दी से जल्दी भू-वैज्ञानिकों और नदी विशेषज्ञों से अध्ययन कराकर जरुरी उपाय करना चाहिए. हालांकि, इस मामले में नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि नर्मदा की बाढ़ के असर और अध्ययन की स्टडी जल संसाधन विभाग से कराई जाएगी. रिपोर्ट के बाद ही शासन को प्रस्ताव भजेंगे. शहर में सभी जरुरी कदम उठाए जाएंगे.

Leave a Reply