Nag Panchami: MP में यहाँ पर है नागकन्या का एकमात्र मंदिर

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नर्मदापुरम. जिले के सिवनी मालवा के बानापुरा रेलवे स्टेशन पर लगभग 100 वर्ष से भी अधिक पुराना नागकन्या देवी का एक छोटा सा मंदिर है. आपने अधिकांश जगहों पर सिर्फ नाग देवता या नाग देवी का मंदिर देखा होगा लेकिन एमपी के नर्मदापुरम जिले में नाग देवी कन्या के रूप में विराजमान हैं.

रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले हम्माल और मंदिर की देखरेख करने वाले मोतीलाल जैन बताते हैं कि कई वर्षों से हम्माल और व्यापारी यहां काम कर रहे हैं. सभी लोग इस मंदिर में सिर झुका कर प्रणाम कर काम की शुरुआत करते है. कई बड़े वाहन यहां आते-जाते हैं, पर आज तक नाग कन्या देवी के आशीर्वाद से कोई अनहोनी यहा नहीं हुई.

रेक पॉइंट मुकद्दम शेख आशिक का दावा है कि सभी की रक्षा नाग कन्या देवी ही करती हैं. रेलवे प्लेटफार्म पर भी आज तक कोई दुर्घटना नहीं घटी. जब रेक चलता है दिन-रात बड़े वाहनों सहित यात्रियों की भी आवाजाही होती है, परन्तु कभी किसी तरह की कोई घटना या दुर्घटना नहीं होती है. क्षेत्र के आस-पास के घरों में भी कभी किसी नाग या अन्य जीव ने लोगों को परेशान नहीं किया. ना ही रात वे रात दिखाई दिए है. अग्रवाल समाज के लोग इन्हें कुलदेवी के रूप में भी मानते हैं.

महेश गोयल ने बताया कि अग्रसेन महाराज की पत्नी नाग कुल की थीं. इस नाते भी हम नाग कन्या की पूजा करते हैं. पहले इस स्थान पर मढ़िया थी, लेकिन बाद में लॉकडाउन के समय अग्रवाल समाज, हम्माल यूनियन, ट्रक व्यापारीयो के सहयोग से मढ़िया का जीर्णोद्धार कर मंदिर का रूप दिया गया.

मंदिर के पुजारी मोतीलाल जैन बताते है कि नाग पंचमी के दिन नागकन्या मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन नाग कन्या देवी को दूध, फल, मिठाई, नारियल आदि का भोग लगाया जाता है. चूंकि क्षेत्र में यह एकमात्र नाग कन्या देवी का मंदिर है. इसलिए नागपंचमी के दिन क्षेत्र के लोग भी यहां पूजा करने पहुंचते हैं. शहर के भक्तों का नाग पंचमी पर सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ती है. जो देर रात तक चलता रहता है. इस मंदिर में हर त्योहार पर कढ़ाई (प्रसाद बनाना) कराई जाती है.

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