NDTV-CSDS सर्वे : PM Narendra Modi ही आज भी हैं पहली पसंद

मुख्य समाचार, राष्ट्रीय

Updated: 24 मई, 2023,

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं, जिनकी लोकप्रियता सभी समकालीन नेताओं से ज़्यादा रही है. वर्ष 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद (PM Narendra Modi) पर पहुंचने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य विधानसभाओं के ढेरों चुनाव जीते हैं, और एक वक्त ऐसा था, जब मुल्क के आधे से ज़्यादा सूबों में BJP या BJP के सहयोग से चलने वाली सरकारें मौजूद थीं. इसी लोकप्रियता के बूते BJP ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी चमत्कार-सरीखी कामयाबी हासिल की थी. अब NDTV-CSDS सर्वे में भी साफ पता चल रहा है कि दक्षिण भारत का प्रवेशद्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में हाल ही में सरकार गंवा देने वाली BJP के शीर्ष नेता PM नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है, और देश के कोने-कोने में उनके चाहने वाले आज भी मौजूद हैं.
भारत के 19 राज्यों के 71 लोकसभा क्षेत्रों में किए गए सर्वे के तहत कुल 7,000 से ज़्यादा लोगों ने अलग-अलग मुद्दों पर राय मांगी गई, जिनमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल थे. इसी महीने 10 से 19 मई के बीच किए गए सर्वे में साफ हुआ कि प्रधानमंत्री के तौर पर आज भी 43 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि राहुल गांधी को PM के रूप में 27 फीसदी लोग देखना चाहते हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में भी PM नरेंद्र मोदी को पसंद करने वालों की तादाद 44 फीसदी थी, और आज भी वह 43 फीसदी है, हालांकि राहुल गांधी को पसंद करने वालों की तादाद भी बढ़ी है, और 2019 के 24 फीसदी की तुलना में कांग्रेस नेता को PM के तौर पर पसंद करने वालों की संख्या 27 फीसदी हो गई है.

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NDTV-CSDS सर्वे के दौरान एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया कि भले ही मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन उनके दूसरे टर्म के बाद भी जनता में एन्टी-इन्कम्बेन्सी जैसी भावनाएं नज़र नहीं आ रही हैं. आज की तारीख में चुनाव हो जाने की स्थिति में NDTV-CSDS सर्वे के मुताबिक, BJP को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है, जो 2019 में मिले वोटों से दो फीसदी ज़्यादा है, हालांकि कांग्रेस के वोटों में भी 2019 की तुलना में खासी बढ़ोतरी हुई है, और उन्हें पिछले आम चुनाव में मिले 19 फीसदी वोटों के मुकाबले आज 29 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. कुल मिलाकर मोदी सरकार को एक बार फिर मौका देने के सवाल पर 43 फीसदी जनता केंद्र के साथ है, और 18 फीसदी ने फिलहाल पत्ते खोलना उचित नहीं समझा.

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सर्वे में शामिल लोगों से यह जानने की भी कोशिश की गई कि मोदी सरकार के कामकाज से वे कितना संतुष्ट हैं. कुल मिलाकर सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट लोगों की तादाद सिर्फ 17 फीसदी है, लेकिन कुछ हद तक कामकाज से संतुष्ट लोगों की संख्या 38 फीसदी रही, सो, कहा जा सकता है कि मोदी सरकार के कामकाज से कम से कम 55 फीसदी लोग असंतुष्ट नहीं हैं. अलग-अलग मुद्दों पर भी मोदी सरकार के कामकाज की समीक्षा लोगों ने की, और 47 फीसदी लोगों ने कहा कि विकास के मुद्दे पर सरकार ने अच्छा काम किया है, जबकि कश्मीर के मुद्दे पर सरकार के कामकाज को सिर्फ 28 फीसदी लोगों ने ‘अच्छा’ और 13 फीसदी लोगों ने ‘औसत’ बताया. भ्रष्टाचार रोकने के मुहाज़ पर मोदी सरकार के कामकाज को 41 फीसदी लोगों ने ‘अच्छा’ बताया, लेकिन 45 फीसदी लोगों को इस मुद्दे पर किया गया मोदी सरकार की कोशिशें ‘बुरी’ थीं, लेकिन यहां याद रखने लायक तथ्य यह रहा कि भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा सिर्फ 5 फीसदी लोगों ने माना.

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एक और मुद्दा हाल ही में काफी चर्चा में रहा, जिसे सर्वे में शामिल करना बेहद ज़रूरी था. केंद्र सरकार पर विपक्षी दल केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन हमारे सर्वे में शामिल लोगों में से 37 फीसदी का मानना है कि CBI और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियां पूरी तरह कानून के मुताबिक काम कर रही हैं, जबकि 31 फीसदी लोगों ने इस मुद्दे पर राय देने से भी इंकार कर दिया.

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अंत में, एक बार फिर यह जानने की कोशिश की गई कि PM या देश के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी जनता को क्यों पसंद हैं, अगले आम चुनाव, यानी लोकसभा चुनाव 2024 में उनके लिए कोई नेता चुनौती पेश कर सकता है या नहीं, और क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उनके सामने कहीं टिक पाएंगे या नहीं. PM नरेंद्र मोदी को 40 फीसदी लोग पसंद करते हैं, और 25 फीसदी लोग निर्लिप्त रहे, यानी कहा कि PM मोदी ‘न अच्छे हैं, न बुरे’. PM को पसंद करने वालों में 25 फीसदी को वह अच्छे वक्ता लगते हैं, और 20 फीसदी को विकास पुरुष, 13-13 फीसदी लोगों की नज़र में प्रधानमंत्री बेहद मेहनती और करिश्माई हैं.

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अगले आम चुनाव में PM नरेंद्र मोदी को चुनौती कौन दे सकता है, के सवाल पर सबसे ज़्यादा लोगों ने राहुल गांधी का साथ दिया. 34 फीसदी लोगों का मानना है कि 2024 में कांग्रेस नेता ही PM के चैलेंजर हो सकते हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल को 11 फीसदी लोगों ने नेशनल लेवल का चैलेंजर माना. अखिलेश यादव और ममता बनर्जी को क्रमशः 5 और 4 फीसदी लोग चैलेंजर मानकर बैठे हैं, जबकि अन्य सभी विपक्षी नेताओं को चैलेंजर मानने वालों की तादाद 25 फीसदी रही.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती मानने वाले 34 फीसदी लोगों से जब यह पूछा गया कि उन्हें राहुल गांधी कैसे लगते हैं, तो उनमें से 26 फीसदी का कहना था कि राहुल उन्हें हमेशा से पसंद रहे हैं, जबकि 15 फीसदी लोगों के मुताबिक राहुल उन्हें ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के बाद अच्छे लगने लगे.

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