प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व रंग की सफलता के लिये दिया शुभ संदेश

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Updated:Nov 17, 2022,

17 नवंबर। भोपाल।साहित्य, कला और संस्कृति के सबसे बड़े महोत्सव टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला महोत्सव ‘विश्वरंग’ का आगाज कुशाभाऊ इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर मिंटो हॉल परिसर में बड़ी धूमधाम से विश्व शांति और सद्भावना यात्रा के साथ हुआ। इसमें देश–विदेश के हजारों रचनाकारों, कलाकारों, साहित्यकारों ने शिरकत की। यह विश्वरंग महोत्सव का चौथा संस्करण है। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल उपस्थित रहे, उन्होंने दीप प्रज्वलन करके महोत्सव का शुभारंभ किया। टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, सह निदेशक, लीलाधर मंडलोई, मुकेश वर्मा, डॉ.सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी, डॉ. विजय सिंह विशेष रुप से उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह का संचालन टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र के निदेशक श्री विनय उपाध्याय ने किया।

याकूब अली ने शहनाई की मधुर तान के साथ विश्वरंग में एक अनूठा शमाँ बांधा

सागर से आए राष्ट्रीय शहनाई वादक हाजी मोहम्मद याकूब अली खान एवम् समूह ने उद्घाटन समारोह में शहनाई की मधुर तान के साथ विश्वरंग में एक अनूठा शमाँ बांधा। मध्यप्रदेश की सरज़मी सागर के रहवासी उस्ताद याकूब अली ख़ाँ शहनाई के मकबूल फनकार हैं। याकूब ने विश्वरंग के साहित्य महोत्सव में अपनी शहनाई से फेमस गाने मोहे रंग दो लाल और याद पिया की आने लगी जैसे गानों को बजाया। याकूब ने अपनी परफॉर्मेंस से श्रोताओं कों मत्रमुग्ध कर दिया है।

महामहिम राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में विश्वरंग की खूबियों को बताते हुए कहा कि ऐसे कला संस्कृति एवम् साहित्य के कार्यक्रमों में भावी युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति के मूल स्वरूप का ज्ञान होता है। यही अवधारणा एक श्रेष्ठ भारत का निर्माण करती हैं। यह भाषाओं, कलाओं, और संस्कृति का अनूठा संगम है। जिससे युवाओं को परिवार के साथ साथ देश और समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही यह भी कहा कि जनजातीय समुदाय में मौखिक परंपराओं में जड़ी बूटी से लेकर पर्यावरण अनुकूल जीवन का रहस्य छिपा हुआ है। उन्हें भी इस महोत्सव में शामिल करना एक बड़ी सफलता है। कला, कौशल, संस्कृति और ज्ञान की परंपरा के संरक्षण एवम् नव सृजन के लिए समस्त विश्वरंग परिवार को साधुवाद ज्ञापित किया।

विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे ने कहा कि हिंदी और भारतीय भाषाओं एवं बोलियों को केंद्र में रखकर वैश्विक विमर्श करने की आवश्यकता है। विश्वरंग इस दिशा में कार्य कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक यात्रा की सार्थकता सहित विश्वरंग के विभिन्न आयोजनों की विस्तार से जानकारी दी। वहीं डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने विश्वरंग के साथ शुरू होने वाले चिल्ड्रन फेस्टिवल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने विश्वरंग के अनेक रंगों को अपने वक्तव्य में समेटा और साथ ही डॉ. अदिति चतुर्वेदी ने विश्वरंग के लिये माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शुभ संदेश पत्र का वाचन किया।
इस अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्री माननीय श्री अर्जुन मेघवाल द्वारा विश्व रंग की सफलता के लिए भेजे गये शुभ संदेश को भी प्रस्तुत किया गया।

विश्व शांति और सद्भावना यात्रा से शुरु हुई साहित्य महोत्सव की पहली सुबह

इस साहित्य महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ विश्व शांति और सद्भावना यात्रा निकालकर किया गया। इस विश्व शांति और सद्भावना यात्रा में देशभर के कला प्रेमियों, साहित्यकारों, फनकारों के साथ-साथ सात समंदर पार के देशों से आए कला प्रेमियों ने इस विश्व शांति सद्भावना यात्रा में हिस्सा लिया ।इस अवसर पर असम के ‘ क्रिस्तेनि ग्रूप’ द्वारा मनमोहक बिहू नृत्य प्रस्तुत किया गया ।इस बिहू नृत्य से पूरा प्रांगण नृत्यमय हो उठा। प्रेम ,शांति और सद्भावना का सन्देश लिये कारवां आगे बढ़ते हुए कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के प्रांगण में ‘भारत के ऋषि वैज्ञानिकों की प्रदर्शनी’ का उद्घाटन फीता काटकर किया है।

पुस्तक प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ

विश्वरंग 2022 के भव्य समारोह के अंतर्गत 17 नवंबर 2022 की शाम को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कंवेशन सेंटर परिसर में पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ विश्वरंग के निदेशक श्री संतोष चौबे, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता वरिष्ठ साहित्यकार प्रतिभा राय और अन्य गणमान्य अतिथियों के द्वारा संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर पर अतिथियों द्वारा आईसेक्ट समूह की महत्वपूर्ण पत्रिका विश्वरंग संवाद, वनमाली कथा, रंग संवाद, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिये, विश्वरंग 2020—21 कॉफी टेबल बुक और अन्य पत्रिका पहला अन्तरा का विमोचन किया गया। इस विशेष अवसर पर विशेष अतिथि प्रतिभा राय जी ने कहा कि सभी को पुस्तकों से प्रेम होना चाहिये और खासकर युवाओं को तो इससे जुड़ना ही चाहिये। इसी तरह के विचार अन्य अतिथियों ने भी प्रकट किए।

विश्व रंग अलंकरण से सम्मानित हुए भारतीय भाषाओं के वरिष्ठ रचनाकार

उद्घाटन सत्र में माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य रचनेवाले वरिष्ठ साहित्यकारों को डॉ. नंद किशोर आचार्य, जयंत परमार, शरण कुमार लिम्बाले, ए अरविंदाक्षन, प्रतिभा राय, सुकृता पॉल और डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी को विश्व रंग अलंकरण से सम्मानित किया गया।

विश्वरंग में ए. रामाचंद्रन पर केंद्रित मोनोग्राफ का लोकार्पण

विश्वरंग के दौरान टैगोर राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी के अवसर पर हिंदी भाषा में रचित ए. रामाचंद्रन की प्रथम मोनोग्राफ का लोकार्पण विश्वरंग के रचयिता एवं रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, मोनोग्राफ के लेखक एवं प्रमुख कला समीक्षक विनोद भारद्वाज, लीलाधर मंडलोई, जय किशन जी एवं अशोक भौमिक द्वारा की गई। इस मौके पर संतोष चौबे ने कहा कि कोविड महामारी के समय जब कला पीछे जा रही थी, उसी समय भारत के जीवित चित्रकार पर मोनोग्राफ तैयार करने की पहल की गई। जिसके अंतर्गत पहली श्रृंखला में चार मोनोग्राफ को प्रकाशित किया गया है। जिसमें प्रथम मोनोग्राफ का लोकार्पण इस शुभ बेला में की गई है।

नेशनल पेंटिंग एक्जीबिशन का हुआ उद्घाटन

भारतीय संस्कृति कला प्रधान है। चित्रकला से जीवन में नए रंग भरे जा सकते हैं। दरअसल कलाकारी की सबसे लोकप्रिय विधा चित्रकला है। एक चित्रकार अपने चित्र के माध्यम से समाज के हर पहलू को उजागर करने की कोशिश करता है, जो यह दर्शाता है कि जीवन के विकास में चित्रकारी को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता। उक्त बातें रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे ने मिंटो हॉल में आयोजित टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव ‘विश्ववरंग’ कार्यक्रम के दौरान गुरुवार की शाम नेशनल पेंटिंग एक्जीबिशन उद्घाटन के मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों से मुखातिब होते हुए कही। उन्होंने कहा कि विश्वरंग के जरिए विविध कलाओं को गति देने की कोशिश रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की ओर से जारी है, जिसमें चित्रकला भी शामिल है। इससे पूर्व गुरूवार की शाम टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे के हाथों नेशनल पेंटिंग एक्जीबिशन का उद्घाटन फीता काटकर किया। पेंटिंग एक्जीबिशन में देश भर के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में चित्रकार अपनी पेंटिंग के साथ पहुंचे और प्रदर्शनी में हिस्सा लिया। शानदार पेंटिंग के लिए पश्चिम बंगाल के युवा चित्रकार सुरभजीत मैती, रोहतक हरियाणा की ज्योति बेरवाल, जलगांव महाराष्ट्र के चरणदास जादव, मुंबई के लक्ष्मण चौहान और चंडीगढ़ के भानू श्रीवास्तव को विश्वरंग मोमेंटो देकर कुलाधिपति संतोष चौबे, विश्वरंग के सह निदेशक लीलीधर मंडलोई डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी के हाथों संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया।

पपॉन के गानों पर झूमें हजारों दर्शक

बॉलीवुड और फोक सिंगर पपॉन ने विश्वरंग के पहले दिन अपनी आवाज से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने परफॉर्मेंस की शुरुआत रबिन्द्र नाथ टैगोर के लिए हुए गीत एकला चलो रे गाने से किया। इसके बाद उन्होंने अपनी रुहानी आवाज से कुछ असामी गानों से दर्शकों को झुमाया और अंत में पपॉन ने अपना सबसे फेमस गाना मोह मोह के धागे को सुनाया इसके साथ ही उन्होंने जिएं क्यों, बुलैया, कौन मेरा जैसे गानों पर हजारों दर्शक झूम उठें।

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