महाराष्ट्र: NCP में हड़कंप, शरद पवार ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, बाहर भेज सकते हैं अपने सभी MLA
Nov 23, 2019,
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में नई सरकार के गठन ने शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) को हैरान कर दिया है. इस बड़े झटके के बाद शरद पवार (Sharad Pawar) ने पार्टी की एक आपातकालीन अहम मीटिंग बुलाई है. सूत्रों के मुताबिक शरद पवार अपने सभी विधायकों को महाराष्ट्र से बाहर भेज सकते हैं. वहीं दोपहर 12.30 बजे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और शरद पवार एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे.
बता दें बीजेपी नेता गिरिश महाजन ने दावा किया है कि उन्हें सभी एनसीपी विधायकों का समर्थन प्राप्त है. हम अपना बहुमत साबित करेंगे, हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है। अजीत पवार ने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी है। वह एनसीपी विधायक दल के नेता हैं, इसका अर्थ है कि एनसीपी के सभी विधायकों का हमें समर्थन प्राप्त है.
बता दें महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी ने शनिवार सुबह बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को राज्य के मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. दोनों नेताओं ने शनिवार सुबह लगभग आठ बजे राजभवन में एक कार्यक्रम में शपथ ली. इस दौरान बीजेपीऔर राकांपा के नेताओं के साथ-साथ अन्य सरकारी अधिकारी मौजूद थे.
मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि बीजेपीके साथ गठबंधन में स्पष्ट बहुमत पाने वाली शिवसेना ने चुनाव के बाद जनादेश खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि शिवसेना कुछ अन्य दलों के साथ सरकार बनाने की कोशिश करने लगी, जिसके कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया.
हालांकि, इन तीन दलों के लिए खिचड़ी सरकार बनाना और संभव नहीं दिखा और राज्य में स्थाई सरकार देने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. फडणवीस ने कहा, “अजीत पवार और अन्य के समर्थन से हमने राज्यपाल को एक सूची भेजी, जिन्होंने इस पर निर्णय लेने के लिए केंद्र से चर्चा की.” इसके बाद केंद्र से विचार-विमर्श करने के बाद राज्यपाल ने फडणवीस और पवार को सरकार बनाने का आमंत्रण दे दिया.
वहीं अजीत पवार ने कहा कि मौजूदा समय में स्थाई सरकार बनाने की जरूरत है जो बनती प्रतीत नहीं हो रही थी. उन्होंने कहा, “मैं सरकार बनाने के लिए लगातार हो रही वार्ताओं से थक गया था और इसीलिए मैंने फडणवीस के साथ जाकर राज्य को स्थाई सरकार बनाने का निर्णय लिया.”