अब Aadhaar की जगह वर्चुअल आईडी बनेगी आपकी पहचान, शुरू हुई VID
Updated: Apr 3, 2018
नई दिल्ली : आधार संख्या जारी करने वाले प्राधिकरण यूआईडीएआई ने बहुप्रतीक्षित आभासी पहचान यानी वर्चुअल आईडी (वीआईडी) को प्रायोगिक स्तर पर शुरू कर दिया है. प्राधिकरण का कहना है कि विभिन्न सेवा प्रदाता जल्द ही आधार संख्या की जगह इस आईडी को स्वीकार करना शुरू कर देंगे.
इस व्यवस्था में आधार संख्या के धारक को अपनी एक वर्चुअल आईडी बनानी होगी. सत्यापन या अधिकरण के लिए जहां आधार संख्या बताने की जरूरत होती है, वहां अब इस आईडी को बताने से ही काम चल जाएगा. इससे उपयोक्ता की 12 अंक की आधार संख्या का खुलासा दूसरे व्यक्ति या सेवा प्रदाता को नहीं होगा. एक तरह से यह वर्चुअल आईडी आधार संख्या के शुरुआती विकल्प के रूप में काम करेगी.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ट्वीटर पर जानकारी दी है कि शुरू में इस आईडी का उपयोग आधार में पते को ऑनलाइन अपडेट करने के लिए किया जा सकता है.
प्राधिकरण का कहना है, जल्द ही, सेवा प्रदाता आधार संख्या की जगह पर वीआईडी को स्वीकार करना शुरू करेंगे. फिलहाल, इसका इस्तेमाल आधार में पते को अपडेट करने के लिए किया जा सकता है. प्राधिकरण ने उपयोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपनी वीआईडी बना लें. यूआईडीएआई ने यह कदम उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारी यानी डेटा की सुरक्षा को लेकर जारी चिंताओं के बीच उठाया है.
क्या होती है VID?
आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर है. अगर इसे आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा. इसमें कुछ ही डिटेल होंगी. यूआईएडीआई यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी. अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है. वर्चुअल आईडी जनरेट करने की सुविधा 1 जून से अनिवार्य हो जाएगी.