सीरिया पर हुआ हमला, रूस ने कहा- अब जो होगा उसकी ज़िम्मेदारी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की है

अंतर्राष्‍ट्रीय, मुख्य समाचार

Updated: 14 Apr 2018

दमिश्क: अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर हमला किया है. हमला राजधानी दमिश्क और उसके आस-पास के होम्स जैसे शहरों पर किया गया है. हमले में राजधानी के आस-पास मौजूद सीरियाई सेना और ‘केमिकल रिसर्च सेंटर’ को निशाना बनाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार सीरियाई सेना ने भी जवाबी हमला किया है. हमले के जवाब में रूस ने कहा है कि पुतिन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एक रूसी दूत ने चेतावनी दी है कि हमले के परिणाम के लिए तैयार रहें.

अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी ने हमले से जुड़ी अपनी अपील में कहा, “समय आ गया है कि सभी सभ्य देश मिलकर सीरियाई गृह युद्ध को समाप्त करें और इसके लिए वो अमेरिका का साथ दें जिसे पहले से जेनेवा शांति प्रयास का समर्थन हासिल है.” आपको बता दें कि सीरिया में ये गृहयुद्ध साल 2011 में शुरू हुआ था. उस दौर में पूरे मिडिल ईस्ट में तानाशाही के खिलाफ एक मुहिम सी चल पड़ी थी जो सीरिया में पहुंचते-पहुंचते गृहयुद्ध में तब्दील हो गई.

 

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इसलिए किया हमला

पश्चिम एशियाई देश सीरिया में कथित तौर पर रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. ये कथित रासायनिक हमला सीरियाई शहर डूमा में हुआ था. इसी के विरोध में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर मिसाइल दागे. इन देशों का मानना है कि सीरिया ने रासायनिक हथियार इस्तेमाल करके इन देशों के पास हमले के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा.

सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमले के दौरान 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. सीरिया ने केमिकल अटैक के पीछे अमेरिका का हाथ बताया था जिसके बाद अमेरिका ने अपने मित्र देशों के साथ मिलकर सीरिया पर ये हमला किया.

सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपन बयान में कहा कि इसके लिए सीरिया सरकार को समर्थन और सैन्य सहायता दे रहा रूस ज़िम्मेदार है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की इस कार्रवाई का परिणाम युद्ध हो सकता है.

 

Live Updates

 

9:45 AM- हमले में रूसी ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा- रूस

9:00 AM- NATO (North Atlantic Treaty Organization) प्रमुख ने सीरिया पर हुए हमले का समर्थन किया. आपको बता दें कि NATO 29 देशों का मिलिट्री गठबंधन है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इसके तीन प्रमुख सदस्य हैं.

8:40 AM- सीरिया पर ये हमला तब किया गया जब इस देश के पास शांतिमय भविष्य की उम्मीद थी- रूस

8:30 AM- अमेरिका में रूस के राजदूत एंटोनी एंटोलोव ने कहा- हमने चेतावनी दी थी की ऐसे हमलों के परिणाम भुगतने पड़ेंगे. अब जो होगा उसकी ज़िम्मेदारी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की है.

हमले से जुड़ी जनकारी साझा करते हुए अमेरिकी जनरल डनफोर्ड ने कहा है कि अमेरिका ने इस हमले की जानकारी रूस को पहले से नहीं दी थी. आपको बता दें की रूस सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थक है जो इस युद्ध की स्थिति में उसे और अमेरिका को आमने-सामने लाकर खड़ा करता है.

डनफोर्ड ने जानकारी देते हुए कहा कि सीरिया में अमेरिका ने इस तरह से हमला किया है कि रूसी ठिकानों को कोई नुकसान ना पहुंचे.  अमेरिका के डिफेंस सेकेरेट्री जेम्स मैटिस ने जानकारी दी है कि इन हमलों के अलावा अब सीरिया में किसी और हमले का कोई प्लान नहीं है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि इस हमले में किसी अमेरिकी जवान के हताहत होने की कोई ख़बर नहीं है.

आशंका जताई जा रही है कि सीरिया पर अमेरिका और उसके मित्र देशों की इस कार्रवाई के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ सकते हैं और भारत में भी पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है.

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