क्या है MSME: कैसे पूरा हो सकता है आपका बिजनेसमैन बनने का सपना
Updated: 15 मई, 2020 ,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान के बाद हर कोई यह जानने की कोशिश कर रहा है की क्या है MSME?
क्या होता है MSME
इसका मलतब है माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज यानी सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग. इससे संबंधित मंत्रालय का नाम है सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय. इसके तहत आने वाले उद्योगों में शुरुआत में बहुत ज्यादा पैसा लगाने की जरुरत नहीं पड़ती है. इसको शुरू करने वाले कुशल और अकुशल दोनों तरह के लोग हो सकते हैं. लेकिन इन उद्योगों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. एमएसएमई की तहत आने वाले उद्योगों को रजिस्ट्रेशन के बाद भारत सरकार की ओर से कर्ज और सब्सिडी की भी सुविधा दी जाती है.
रजिस्ट्रेशन कराने से फायदे
अगर आपने अपने किसी फर्म का रजिस्ट्रेशन MSME में करा रखा है तो आपको अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और बैंकों से मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं सरकार की ओर से आपके प्रोडक्ट को बाजार भी उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन इसके लिए आपके पास शानदार बिजनेस आइडिया होना चाहिए.
- बैंको से लाभ : एमएसएमई के तहत दिए गए कर्ज की ब्याज काफी कम होती है. आप अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों से कर्ज ले सकते हैं.
- राज्य सरकार से भी मदद : रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बिजली, टैक्स में सब्सिडी मिलती है. सेल्स टैक्स में भी छूट मिलती है.
- टैक्स में छूट : एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती है. बिजनेस की शुरू करने में सरकार की ओर से कई तरह की सब्सिडी मिलती है.
- लाइसेंस मिलने में आसानी : लाइसेंस और जरूरी सर्टिफिकेट जल्दी मिल जाते हैं. कई कांट्रेक्ट भी होते हैं जो आसानी MSME के तहत रजिस्टर्ड फर्मों को मिलते हैं.
कैसे होता है रजिस्ट्रेशन
इसका रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन और ऑनलाइन होता है. ऑनलाइन कराने के लिए https://udyogaadhaar.gov.in/UA/UAM_Registration.aspx पर कर सकते हैं.
क्यों जगी है उम्मीद है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमएई) समेत उद्यमों को बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा देने की घोषणा की. उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि इस स्वचालित कर्ज सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा. एमएसएमई्र के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जिरये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी.
बदल गई है MSME की परिभाषा
इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है. इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी. अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी.. 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयां भी सूक्ष्म इकाइयां कहलाएंगी. मुख्य रूप से लघु इकाइयों को को परिभाषित करने के लिये यह मानदंड लाया गया है. 200 करोड़ रुपये तक के लिये सरकारी खरीद को लेकर वैश्विक निविदा पर पाबंदी होगी. इससे एमएसएमई को सरकारी निविदाओं में भाग लेने, प्रतिस्पर्धा करने और आपूर्ति करने में मदद मिलेगी.