आनंदीबेन पटेल आज लेंगी यूपी के राज्‍यपाल पद की शपथ, राम नाईक बोले- ‘मुझे 7 दिन का बोनस मिला’

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लखनऊ : उत्‍तर प्रदेश की नवनियुक्‍त राज्‍यपाल आनंदीबंन पटेल आज (29 जुलाई) पद की शपथ लेंगी. वह इसके लिए सुबह 9:30 बजे लखनऊ स्थित अमौसी एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी. यहां उनका स्‍वागत किया जाएगा. इसके बाद वह दोपहर 12:30 बजे राजभवन जाएंगी. वहां वह यूपी के नए राज्‍यपाल के तौर पर पद की शपथ लेंगी. आनंदीबेन पटेल को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर राज्‍यपाल पद की शपथ दिलाएंगे. वहीं मौजूदा राज्‍यपाल राम नाईक ने रविवार को कहा कि मुझे पद पर बने रहने के लिए 7 दिन का बोनस मिला. मैं आनंदीबेन पटेल का स्‍वागत करके यहां से जाउंगा.

आनंदीबेन पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्‍यमंत्री दिनेश शर्मा समेत कई अन्‍य मंत्री भी शामिल होंगे. बता दें कि 20 जुलाई को राष्‍ट्रपति भवन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक यूपी और बिहार समेत 6 राज्‍यों में नए राज्‍यपालों की नियुक्ति की गई है. इसके मुता‍बिक मध्‍य प्रदेश की राज्‍यपाल रहीं आनंदीबेन पटेल को यूपी के राज्‍यपाल की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है.

वहीं यूपी के मौजूदा राज्यपाल राम नाईक लखनऊ में रविवार को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 में शामिल हुए.  उन्‍होंने अपने संबोधन में सभी निवेशकों को उत्तर प्रदेश में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने ढंग से काम किया है. अब उप्र सर्वोत्तम प्रदेश बनने की राह पर है.

राज्‍यपाल राम नाईक ने कहा, “जिस तरह से प्रदेश में निवेश हुआ, पहले के अनुभव में परिवर्तन हम देख रहे हैं. साल 2018 में मैं साक्षी था और आज वास्तविकता देखने के लिए भी मैं उपस्थित हूं. उस समय मैं पूरा राज्यपाल था, लेकिन मुझे राज्यपाल पद पर बोनस मिला है. 22 जुलाई को कार्यकाल खत्म हो गया.” नाईक ने कहा, “सात दिनों का ये मुझे बोनस मिला. इसलिए आनंदी बेन पटेल को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपने शपथ ग्रहण की तारीख 29 जुलाई तय की.”

उन्‍होंने कहा कि 22 जुलाई को ही मेरा कार्यकाल खत्म हो रहा था. एक रूढ़िवादी परंपरा रही है कि राज्यपाल के आने से पहले पुराना राज्यपाल लखनऊ छोड़कर चला जाता था. जिस तरह से राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होता है, उस तरह की प्रक्रिया हमने शुरू करने की कोशिश की है. उन्‍होंने कहा कि आनंदीबेन पटेल का स्वागत करने के बाद ही मैं यहां से जाऊंगा. रूढ़िवादी परंपरा को मिटाने की सोच रखी है. उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ मेरा बेहद जुड़ाव रहा है. उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए हमारा हमेशा से सहयोग रहेगा.

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