‘शैफू’ अनकही गाथा एक त्रासदी की’ का विमोचन

मध्य प्रदेश, मुख्य समाचार

वसुंधरा एक सार्थक पहल की अध्यक्ष पूर्णिमा वर्मा द्वारा लिखित उपन्यास शैफू ‘अनकही गाथा एक त्रासदी की ‘ का लोकार्पण भोपाल गैस त्रासदी की स्मृति में 3 दिसंबर शाम 4बजे रिवेरा टाऊन क्लब हाऊस मेँ किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व साँसद श्री आलोक सँजर जी , चैम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष श्री ललित जैन जी एवं बाल-साहित्य शोध केन्द्र के निदेशक श्री महेश सक्सेना जी द्वारा किया गया ।


WhatsApp Image 2020-12-03 at 22.07.22इस अवसर पर पूर्णिमा वर्मा ने भोपाल गैस त्रासदी के कष्टों का जिक्र करते हुए उपन्यास के चुनिंदा अँशो का पाठ किया तथा इस त्रासदी के कथानक रचना के बारे में बताया कि गैस त्रासदी की तस्वीरों में छोटे बच्चे की तस्वीर एक दर्द बन कर उपन्यास लिखने की प्रेरणा बनी ,शैफू ये काल्पनिक नाम और उपन्यास उस बच्चे को समर्पित है ।
कार्यक्रम मेँ महेश सक्सेना जी ने कहा कि साहित्यकार समाज में हो रही घटनाओं के प्रति तटस्थवादी नहीं हो सकता , वह उनका वर्णन साहित्य की किसी न किसी विधा में करता ही है ।


पूर्व साँसद श्री आलोक सँजर जी ने कहा कि उनकी आँखों के समक्ष वो पूरा मँजर आज आ गया है । गैस त्रासदी के दृश्यों को तथा बच्चे की तस्वीर को शैफू का नाम देकर इस उपन्यास की रचना की गई है और यह उपन्यास हिन्दी साहित्य में गैस त्रासदी की अमूल्य धरोहर की तरह माना जाऐगा ।


श्री ललित जैन ने कहा कि शैफू उपन्यास भोपाल त्रासदी की एक विशिष्ट पहचान बनेगा ।


आईसेक्ट पब्लिकेशन की ओर से सँजय सिँग राठौड़ ने अपने विचार रखते हुऐ कहा कि यह उपन्यास विश्व के सोलह देशों में भेजा जाऐगा । कार्यक्रम का सँचालन राधिका देशमुख जी ने किया एवं मनोज चतुर्वेदी जी ने कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत किऐ ।
नई पीढ़ी के बच्चे गैस त्रासदी से अनभिज्ञ हैं। भोपाल में 3 दिसंबर को विशेष अवकाश का आनंद लिया जाता है , लेकिन इस तिथि के पीछे छिपे दर्द को भुला दिया जाता है । यह उपन्यास त्रासदी की गाथा को श्रद्धांजलि के साथ समर्पित है ।
स्टुडियो जैमिन क्लब रिवेरा टाऊन मेँ भोपाल गैस त्रासदी को श्रद्धांजलि के साथ उपन्यास लोकार्पण का कार्य सँपन्न हुआ ।

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